या सैयना या फातिमा या दाहिदा या बिदा
या सैयना या फातिमा या दाहिदा या बिदा
जाहरा का अगर दिया
पे इहसान मा होता
जाहरा का अगर दिया
पे इहसान मा होता
जाहरा का अगर दिया
पे इहसान मा होता
जाहरा का अगर दिया
अगर दीन पे एहसान ना होता तुनिया में कोई आहार मुसल्मान ना होता
सहना का अगर दीन पे एहसान ना होता
सहना का अगर दीन पे एहसान ना होता
तु शबीर अगर करते नाने ले तिलावत पढ़ने के लिए आज ये गुरान ना होता
सहरा का गर्दी में पे एहसानी मानू अपादा
इजरा के लिए आज ये गुरान ना होता
इजरा के लिए आज ये गुरान ना होता
इजरा के लिए आज ये गुरान ना होता
सहरा का गर्दी में पे एहसानी मानू अपादा
इजरा के लिए आज ये गुरान ना होता
इजरा के लिए आज ये गुरान ना होता
सहरा का गर्दी में पे एहसानी मानू अपादा
इजरा के लिए आज ये गुरान ना होता
होता ना खरच दीन पे जो मालेख दीजा
होता ना खरच दीन पे जो मालेख दीजा
अल्ला के दी का इंतियाज एलान ना होता
सहरा का गर्दी में पे एहसानी मानू ता
सहरा का गर्दी में पे एहसानी मानू ता
या श्यादा
या श्यादा
या ताहे राज या सैयोदा