क्यों ये खामुशी है, कोई तो कहे, सारे जग को क्या हुआ है, कोई तो कहे
चंगल क्यों मिठ रहे, कोई तो कहे
तोचो जरा तोचो, पूचो खुद से जरा पूचो
ये हमने जरा पूचो
ये हमने गधिया है, सारे जग को सोचो
खौब जो पलकों में थे, खो गए सब वो कहा
जिन पर चलना था हमें, कहा रह गए वो निशाँ
आस्वाद, क्यों है पूचो, कोई तो कहे
तूठता, सादक क्यों लूटे है
अपने ही हाथों से, अपनी ही क्यों दुनिया लूटे
लूटे
माटी की कुश्बू में आ रही है कैसी
वो चल रही है तमी क्यों
कोई तो कहे
सोचो, ज़रा सोचो
पूचो, गुद से ज़रा पूचो
ये हम ने क्या किया है
सर जरिलो
सोचो