तेडि उठदी जमानी चं
तेडि दुनिया दिवानी चं
तेडि हर गाल बादी ए
तेकू
टिकटाक ठांदी ए
फैन तेड़े साजन कई हजार थी गए
मैं कू जानी तेड़े नल प्यार थी गए
रह्मान बाबा वैजिन
सोक मुहबत के लिए वन तोप गवारी
सोक दाशना पसीन खोग गवारी
सोक दजवानाई दलास खोब न कवी
सोक यवश्पद दजलने तोप गवारी
सोक मलंगी के विखपल वख्टे रवी
वो दुनिया बांदे खोल रोब खवारी रह्मान कमकले
नादान दे खल्दा चिदरे किमन सडी तोप खवारी
मरच जब भी टेंचर में होता है तो यहां तो वो पनी
पसंदीदा उरद को रूणता है और यहां फिर सिगरेट की दुकान
जिस दिन मैं मरुंगे ना
तुम्हारी कई शामें उदास गजरेंगे
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