जो ही ऐसे गोई लो बिदेश में
रोहता नी घर वकले समें
रे राजा अरे जो ही ऐसे गोई लो बिदेश में रोहता नी घर वकले समें
हम कुछ बोलत नईखी घर के जट गून के
देवा रादबाः वोता वे दूनो बोये लून के
देवा रादबाः वोता वे दूनो बोये लून के
देवा रादबाः वोता वे दूनो बोये लून के
देवा रादबाः वोता वे दूनो बोये लून के
देवा रादबाः वोता वे दूनो बोये लून के
देवा रादबाः वोता वे दूनो बोये लून के
पाड़ी परिसान बानी