लैला मज़नु ही राजहासे अलग पन पहचान पनाले
लैला मज़नु ही राजहासे अलग पन
पहचान पनाले
दुनिया अगर जे मिले से रोकी दुनिया के समसान बना दे
दुनिया अगर जे मिले से रोकी दुनिया के समसान बना दे
आथ के हर लकीर में जहरा बा महभूब के
दे खले हे बानी
अखिया में उनका डूब के
जे दिवाना के हम राजमाये सच को ही लाव पछताई
दुनिया अगर जे मिले से रोकी दुनिया के समसान बना दे
दिल के चारो कोना में नम सनम के गुझेला
हम तब पूछी उनका के दुनिया रब के पूझेला
हो अधपन के भे उनकर जुदाए नाले हमसे तनिका सहाई
जान के खात
असक विकास जान के खात अर धरति आसमान बना दे
दुनिया अगर जे मिले से रोकी दुनिया के समसान बना दे
दुनिया के समसान बना दे
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