शकर अलि गाजी मिनारे आला दस दाहतत
जिधो दुला जुआन शिकार खिडने वास्ते जानत
अगे वेख के कुडियां पांडे परदियें
दुला जूआन मार के तीर कडे पांडन दे
मजफर अली,
शेह गाजी आले दे शिगर्दा,
तू की आखे ते मैं की आखां,
ते पता की आखे है
पेड़ी ओ मती वीडे खम जाओ,
मती ओ सेख खम जाओ
अगे ले ओर्गे,
ओर्गे ले ओर्गे,
आंद जूआर दे,
काली जी दार दे,
अनालीया,
मोरीया,
फूरीया जी नाओ दे
आगा रैडियो हार ओर्ड सो समझा के दासे दे,
पोर दे खले दाईंगे दुला पत्य थिनाने आगा हार,
ते पता की आखा है
पुला जौन कारा जे, एक फुलना फानी,
तुले पती दी आउर्ख,
एक ताना मार दी जौना,
तेन शिमनी बेगब बनन वास्ते है,
बोली जा फकीन जा सूर, मेने खेहा गाजी आया,
वो किली बोलीं मार दे गियें,
वो
किठना जाना भी, पराज येते पहगेआ,
पर बी मैं ता पजाँगा पार,
जे मेनु ना खर,
ओस वग अल खुनाई एक जबाब देन दा,
ते पता की आंदा है शाकर साहब,
खिला रात परती तो जमी दुला जुआन,
स्वेरे जंग दी त्यारी कर दा,
कला खेहा गाजी याई,
खुना दे दिका पिया थड़ी आगया,
एली एली आगया,
ओदी मददी आप खुदा है,
वो माले दे कुछ मतले,
माले दे कुछ मतले,
वदवो पहला हार देना है,