दुलाहा के पूआ के सुन ला ख़वरिया
दुलाहा के पूआ के सुन ला ख़वरिया
के मारे हस हस के ना चरिया
तू तो कैसा नहें समझी
पहली चबीली दुलाहा के माई
दुलाहा के जाजी बड़ी अरजाई
लेके यार के गूमे बजरिया
के मारे हस हस के ना चरिया
तू तो कैसा नहें समझी
दुलाहा के माई बड़ी मस्तानी
दुलाहा के माई बड़ी मस्तानी
बेच चबीली अपनी जवानी
सब के आपन सुताए से जरिया
के मारे हस हस के ना चरिया
तू तो कैसा नहें समझी
दुलाहा के माई नाछ दिखाये
दुलाहा के मामा ढूले बजाये
देखा आपन हिलाये कमरिया
के मारे हस हस के ना चरिया
तू तो एसा नहीं समझी