दुख भारी हनुमत
सुख भारी हनुमत
सुनी हम रोपका
रे सुभा साम जपलताव्य
जै सिरी राम
सुभा साम जपलताव्य
जै सिरी राम
दुख भारी हनुमत
सुख भारी हनुमत
सुनी हम रोपका
रे सुभा साम जपलताव्य
जै सिरी राम
सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
हमारो पुकार सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
हमारो पुकार सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
कश्ट हरो हे राम भागत मोहे
सबका करे कलियान सुभा शाम जब ताले
जेशी दिरा
सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
हमारो पुकार सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा
दिन रत जप नाम तुम्हारे अब नहीं छोडब रहुए द्वारे
हात जोडी रवा पुजेली चरनिया
करी न दुख संघारे सुभा शाम जब ताले
जेशी दिरा
सुभा शाम जब ताले जेशी दिरा