ए भाया चार सहली का लोग एके सांगे एके सांगे पढ़ाता लोग एके सांगे घुम लात लोगलेकिन समय के औहिशन भाई की एक दिन जब साधी हो गयी लोकहू सहर में चल गई कहू एरूपली में घूमे लागाऔह कहू दिली में आके रहे लागाआयो जैनी के गावे में प्या हो गए लूप मसूस करा तरी इहो नत्या गर कमात रही ता हमरा के दिली सहर में रख ले रही ब्याथा बतावा तरी अकोहा तरी अकोईसे कोहा तरी ए राज्योहया तरी सूनीतरी अकोहा तरी ए राज्योहया तरी सूनीतरी अकोहा तरी सूनीतरी अकोईसे कोहा तरी ए राज्योहया तरी सूनीतरी अकोईसे कोहा तरी ए राज्योहया तरी सूलीतरी अकोईसे कोहा तरी ए राज्योहया तरी सूनीतरी अकोईसे कोहा तरी सूनीतरी अकोईसे कोहा तरी ए राज्योहया तरी सूनीअग लागो पिया तुहरे इकमाईलागो पिया तुहरे इकमाईलागो पिया तुहरे इकमाईअग नहीं रह बुमनू तुहरा हम घार मेंजिने की बिताई बिया पन जाके नाई हार मेंअग नहीं रह बुमनू तुहरा घार मेंजिने की बिताई बिया पन जाके नाई हार मेंभोले ताना मरिहे भाई भाव जाई लागतानी दूलाई का केमाई सरप साबुन भी ना देने धैलस काईलागतानी दूलाई का केमाई