किसी शायर की घजल ड्रेम गर्लकहीं तो मिलेगी कभी तो मिलेगी आज नहीं तो करड्रेम गर्ल किसी शायर की घजल ड्रेम गर्लकिसी जील का कवल ड्रेम गर्ललिप्टी गुलाबों में, सिम्टी हिजाबों मेंलिप्टी गुलाबों में, सिम्टी हिजाबों मेंखाबों में आती है भीगी शराबों मेंपास रहती है वो पल दो पलड्रीम गर्लप्रस्तुत करते हैंजब देखती है वो मैं ढूंड लूँगा तोशबनम घटा चादनी बन जाती है दोस्तोंरंग रूप लेती है वो बदलड्रिम गर्ल ड्रिम गर्ल किसी शायर की घजलड्रिम गर्ल किसी जील का कमलड्रिम गर्ल कहीं तो मिलेगी कभी तो मिलेगीआज नहीं तो कलड्रिम गर्ल ड्रिम गर्ल किसी शायर की घजलड्रिम गर्ल किसी जील का कमलप्रेमाँ
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