किसी शायर की घजल ड्रेम गर्ल
कहीं तो मिलेगी कभी तो मिलेगी आज नहीं तो कर
ड्रेम गर्ल किसी शायर की घजल ड्रेम गर्ल
किसी जील का कवल ड्रेम गर्ल
लिप्टी गुलाबों में, सिम्टी हिजाबों में
लिप्टी गुलाबों में, सिम्टी हिजाबों में
खाबों में आती है भीगी शराबों में
पास रहती है वो पल दो पल
ड्रीम गर्ल
प्रस्तुत करते हैं
जब देखती है वो मैं ढूंड लूँगा तो
शबनम घटा चादनी बन जाती है दोस्तों
रंग रूप लेती है वो बदल
ड्रिम गर्ल ड्रिम गर्ल किसी शायर की घजल
ड्रिम गर्ल किसी जील का कमल
ड्रिम गर्ल कहीं तो मिलेगी कभी तो मिलेगी
आज नहीं तो कल
ड्रिम गर्ल ड्रिम गर्ल किसी शायर की घजल
ड्रिम गर्ल किसी जील का कमल
प्रेमाँ
Đang Cập Nhật
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