जबले तू रहमी हो मरसी नावस साथ ही बोंगे
जबले तू रहमी हो मरसी नावस साथ ही बोंगे
छोड़के तू जैंही सासुर रियाद सरपट ही बोंगे
कुछ दिन में तो रायो पन दीलावस हट ही बोंगे
छोड़के तू जैंही सासुर रियाद सरपट ही बोंगे
जैंही ता जोगे छोड़ी अइहे ना ना जा रगे
हम हुँ पाता ही ले बोंगे तो रोसे सुना रगे
जैंही ता जोगे छोड़ी आइहे ना ना जा रगे
हम हुँ पाता ही ले बोंगे तो रोसे सुना रगे
ओ करे परयापन हम जानावा लूट ही बोंगे
छोड़के तो जैंही सासुररिया तो सरपटा ही बोंगे
जैंके तो फूस रहें पियावा के घार रगे
कुछ ना ही बोलवाव हम करवाव सावार रगे
छिनी लाला रभी अब तोरा नहीं सता ही बोंगे
छोड़के तो जैंही सासुररिया तो सरपटा ही बोंगे