दोले हे जुल्मी गड़े रोखुनी मज़पाउन का
जादुगिरी त्यातपुरी येथ उभे राहुन का
दोले हे जुल्मी गड़े रोखुनी मज़पाउन का
गालु कशी कशी दामी पोती किती सांगुचु का
बोते ती फिर फिरुनी वेल तसा जायफु का
दोले हे जुल्मी गड़े रोखुनी मज़पाउन का
खलबल किती होया मनी हसती लमच सर्वजनी
येतील ता संधी बखुनी आग उगा लाऊन का
दोले हे जुल्मी गड़े रोखुनी मज़पाउन का