तु बोलो मुन के साकाला से
इस कुल जाईं रोजे जब पढ़त रही
बोड़ी रे नी मन से समारत रही
अरे का कही हो
इस कुल जाईं रोजे जब पढ़त रही
बोड़ी रे नी मन से समारत रही
का कोई सोखी अब डोर लगे येने उने जाकला से
कजरला गावल छोड़ देनी है दो गोला उनके ताकला से
का कोई सोखी
सखी अब डोड लगे येने उन जाकला से
काजरला गाउल छोड़ देनी है दो गोलों उनके तकला से
दो गोलों उनके तकला से
तकला से
हे सकी सुना
जोग पानी पिए जाई चापा कोल से
आख मार लागे लोपवाला फंगा बहुगाल से
सखी रे माने ना कहाल से
लोट खोरां के कोभी नहीं है
लागे हम सखी कुछो कोर जाए
बोरी गोम सखी जियते मौर जाए
धीरे धीरे रोड़ावा पे चली ले हम
डोरी ले माटा कला से
का जराला गाउल छोड़ देनी है
दोगोला होन के तकला से
का कोई सखी ओपडोर लगे
इने उने जाकला से
का जराला गाउल छोड़ देनी है
दोगोला होन के तकला से
नाम सुनी जिया जोरे नागें दोर के सोंगे सोंगे सोखे गोरोज वोल भास करके
मन कर पीट दिही धोर के तों को के रख दिल वाला सब सब से नफरत बा के हुसे न प्यार बा का का कोही का हानी बर यार बा
कि बाली उठ लाली के बचाइए राहुर ना अपना कलासे कैजर ला गाउल छोड़ देनी थे गोला हूं तो आपके तक कलासे का कोही
करते हैं