अगर कभी कोई मंटा हम्रण कंभगराम।
तारारंट।
तौस्न नहीं यफ़़ी जीदि तुमको .
हुश्यों को तो खाँट।
तारारंट।
राते है तो कभी राहई खोड़ा।
है तफर तो खतिरा ही खोड़ा।
घंके आगे ये मुस्कुरागे दाई घंग।
तारारंट।
घंके आगे ये मुस्कुरागे दाई घंग।
तारारंट।
तारारंट।
तारारंट।
तारारंट।
तारारंट।
पूगार कभी कोई बंग तो खेल कंड़ा तो जगड़ा हूँ।
तारारंट।
उसने नहीं दे अपनी मिगे तुमको खुशियों को तो है जाना।
तारारंट।
राते है तो जबिरा ही पोड़ा है सफर तो बतिरा ही पोड़ा।
घंके आगे ये मुस्कुरागे दाई घंग।
तारारंट।
घंके आगे ये मुस्कुरागे दाई घंग।
घंके आगे ये मुस्कुरागे दाई घंग।
घंके आगे ये मुस्कुरागे दाई घंग।
जिन्दजिन में कोई भी कमी हूँ, पल्कों पीछो जड़ा ज़िनमी हूँ।
अपना कहो न तु, बिखना कुछ न तु, हार न जाना दुनिया से।
डरना कभी न तु, रहना मुदम से, बस के पताना दुनिया से।
आएंगी फिर से भी पुशियों के, बगली गये मासम।