आझ भी मैं इन्तजार patt इन्तजार लिक्टा तेरा
आज भी है वेखरार वेखरार
दिल ये मेरा
काशि के तू फिर से मेरी चान्द राते मोड लाय
काली रात तेरे भिन में तुझी तो था चांद मेरा
تیرے بعد میری جان چاند کو چمک نا بھولا
تیرے بند تو جان جیسا پھولوں کو محک نا بھولا
توں جو اب نہیں تو साری کھولیں اداس بیٹھی
تیرے بعد جیسا گے پرندوں کو چہک نا بھولا
گाش ایسا ہو میں پھر سے تیرے بال سونگ لوں
تیری اُنگلیاں پکڑ کے دو جہاں گھونگ لوں
काइनात میں عسیئ ہے کچھ تو وہ ہے تیरا چی
क्या सितम है आँखों पे न देख सकती तेरा चेहरा
काश रात बर तू फिर से बाहों में करे बसेरा
काश बेजजग तू हो किया फिर से हाथ थामे मेरा
निद कैसे आये बाजो तेरे तक्कीये हमारे
इतना जुल्म ना करो के हम भी थे कभी तुमारे
भीछे मुड़ के भी न देखा गुजरे धरिया के
जैसे और हम कहे तजैसे बैठे धरिया की नारे
आज भी तू दिल मैं है ये तुछको कैसे मैं
बताओ आज भी मैं तेरे तूफे रोके सीने से लगाओ
जो करे कभी ये दिल के सुनुआ आवाज तेरी
फिर तेरे ख़तों को खुद ही पढ़ के खुद को ही सुना
जितना तू था उतना दिल नशी थे तेरे हाथ भी
किसी और में कहां है तेरे जैसी बात भी
एक तू वहाँ के जिसको हम तो याद भी नहोंगे
एक हम जो तेरी आदमे हैं रोए आज भी
मेरी जान दूरियों का तौर कब तक चलेगा
कब तलक की ओही अखों से ये दरिया बहेगा
तुछ से उलफते नहीं है तू तो इश्क है हमारा
मेरी जान ये रहान तेरा था है रहेगा