तेग बहादर के चलते पयो जगत को सोक।
हैं हैं हैं सब जग पयो जै जै जै सुरलोक।
दिल्ली चादनी चोक दे अंदर कतल सुर्जदा हो ग्या।
दिल्ली चादनी चोक दे अंदर कतल सुर्जदा हो ग्या।
दिल्ली चादनी चोक दे अंदर कतल सुर्जदा हो ग्या।
किरना सब खलार गिया नाले दाग कौमदात हो गया है।
इस सूर्ज दी अकिरनाने अज सारा जग रुषनाया है।
अमर शहीद मती दास जी आरे नाल तन चरवाया है।
जो दाग पाणी नाल लैंदे नहीं हो, दाग खून नाल तो गया है।
इस सूर्ज दी अकिरनाने अज सारा जग रुषनाया है।
किरणा सब खिलार गिया, नाले दाग कौम दातो ग्याए।
एक सूर्ज आपा वार गिया, कर जग विच गिया उजालाए।
तर्म शहीद द्यालाजी, खादेग च गिया।
तर्म शहीद द्यालाजी, खादेग च गिया उजालाए।
तर्म शहीद द्यालाजी, खादेग च गिया उजालाए।
किरना साब खिलार गिया, नाले दाग कौम दातो ग्याए।
पंडतां दी सुनी पुकारियोने, जन्जुवादा पारी उठाए।
इंद दी चातर तेग बहाधर, शहीदां दा ताज कहायाए।
संदावी ओदी सिख्खी दे सब, लिख के बोल परोग्याए।
किरना साब खिलार गिया, नाले दाग कौम दातो ग्याए।
दिल्ली चांदनी चोक दे अंदर, कतल सुने।
किरना साब खिलार गिया, नाले दाग कौम दातो ग्याए।
किरना साब खिलार गिया, नाले दातो ग्याए।