रात गई, वो रात गई, वो रात न बापस आती है
जग में जिसकी बात गई, वो बात न बापस आती है
अर दिल तुम से लगा बैठे
बाबाजी की परमासन न जाने, वो से तुम भी कही न सके दिल तुम से लगा बैठे, वो समझ रहा हूँ
दिल तुम से
लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा
दिल तुम से लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा
मरा में लांस नहीं करती था, तुमले लोग पक्षी नहीं रहे
दिल तुम से लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा
दिल तुम से लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा
दिल तुम से लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा
दिल तुम से लगा बेठे जो होगा देख जाएगा
सब कुछ तुम पर लुटा बेठे सब तुम पर लुटा बेठे जो होगा देख जाएगा
चल्च बजने जो होगा देख जाएगा
सब कुछ तुम पर लुटा बेठे सब तुम पर लुटा बेठे जो होगा देख जाएगा
ऐसी बात नहीं है बड़े बड़े भक्तों ने दिल लुटाया है
पर बेठे जो होगा देख जाएगा
तुम पर लुटा बेठे जो होगा देख जाएगा
तुम पर लुटा बेठे जो होगा देख जाएगा
और किस किस ने दिल लगाया
दिल लर्शी ने लगाया था
हाल सब को सुन जाता
वो हाल सब को सुन जाता
और चले हैं
बादी को सुन जाता
भात भरने को
पास में कोड़ी नहीं
कोई सादम नहीं
संतों की मंडले लेकर
परमात्मां पर भरूसा किया
चले हैं
बात भरने को
जो होगा देख जाएगा
बात भरने को
जो होगा देख जाएगा
बात भरने को
दिल तुम पर दिल तुम से लगा बैठे
दिल तुम से लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा
दिल तुम से लगा बैठे जो होगा देखा जाएगा
बुली भक्तर भगवालि की
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