बोलिये स्रीबाला जी महाराज की
जई हो
जिल तुझ या बजरंगी
मेरा डोले-जी महाराज की
जिल तुझ या बजरंगी
तुझ को दिया बजरंगी
मेरा गोले दिया बजरंगी
अब हम तो हैं तेरे हवाले
चाय ठुकरादे चाय अब नाले
यांको
दवीये तकिराए
जाने
रामसिया बजिरंगी
तभी कुछ फीका
पुछ से जीने का सीखे सलीका
तेरा सहरा लिया बजिरंगी
दिली तुझ को दिया बजिरंगी