हो।
हो।
हो।
हो।
मैं कितना नादान था जो तुझको समझ न पाया था
हो जिनगी में आके
जब जाही की रहे
तो दिल का लगवल जब रूआ ही के राहे
चुट्टू की भार सिंदूर के खातिर हमरा के
ठुकरा दियालू
यह करे के राहे तो हाके तो काई न
पहिले बता दियालू
जब दो सारा के बाहे में समाही के राहे तो दिल का लगवल जब रूआ
ही के राहे चुट्टू की भार सिंदूर के खातिर हमरा के ठुकरा दियालू
जब दो सारा के बाहे में समाही के राहे
तो दिल का लगवल जब रूआ ही के राहे
ता दिल का लगवलू जब रूआ ही के राहे
ता दिल का लगवलू जब रूआ ही के राहे था
सोना के कंगन मिल जाई मघमल के विस्तर तो हके
प्यार नसीब न होई तोहारा जात बनी तोहसे कही के
जात बनी तोहसे कही के
जब राहूल के जियांतेa मु नाली के राहे
ता दिल का लगवलू जब रूआ ही के राहे