दिर्धड़का कोनाये दिर्धड़का कोनायेदिर्धड़का कोनाये कोई नहीं कोई नहीं कोई मेरी दिर्धड़काकभी कभी हुआ यही दुमा कोई तो है छुपा हुआ यहाँ नहीं घबर वो है मगर कहा यही कहीमगर नहीं कोई नहीं कोई नहींकोई नहीं दिर्धड़काकभी कभी हुआ यही दिर्धड़काकभी कभी हुआ यही दिर्धड़काकभी कभी हुआ यही दिर्धड़काजला के आँख दिल बुझा गई किसी की आद ये बता गई वो है यही मगर नहीं कोई नहीं कोई नहीं कोई नहीं दिल धड़काअगर वो है तो है तहा के घर ये दिल कहे के इंतजार करवो आही जाएगा कही नसरये है यपी मगर नहीं कोई नहीं कोई नहीं कोई नहीं दिल धड़का