माया वे कोई विरस पहाड़ी था
माया वे कोई विरस पहाड़ी था
माया वे कोई विरस पहाड़ी था
केड़ा मैं दोश देवा ऐसे किसमत माड़ी था
धोला वे कोई कपड़े था करसा
तू भावे कर ना कर तेड़े नाल वफा करसा
माया वे मिया वाली न बस जानदी
तू मेंने नाल होनदा वत जिंदगी दी चस आनदी
धोला वे कोई वे शहर का सूरासी
हेगडे याद रखे साड़ी याद जरूरासी
माया वे कोई रुखन दी अच्छावानी
एड़ा सड़ा जुर्म ताना जीमें दितिया सजावानी
धोला वे कोई वे शीशे कारांदे
मर के भी नहीं भुल दे दुख दिते होई यारांदे
माया वे कोई हटियां ते फुल विक दे
पैसा नाले घिन घिन दे किया सजन जे मुल विक दे
धोला वे कोई वे भुखरदा मोडा सी
आज नहीं आतक पोंदी तेनु कल सड़ी लोडा सी
माया वे कोई सोन दिवंग माया
कितों धोले सिखे आई ये लुटन दा ढंग माया
धोला वे घरबार भुले गया
असाइर फानांगरा तेड़े इशक च रुल गया