बिछी कारी धेकाई में ता रोई लगबू, रंग भीतरी लेजाई ता धोई लगबू
बिछी कारी धेकाई में ता रोई लगबू, रंग भीतरी लेजाई ता धोई लगबू
अरे इमाता भुजिहा छोटा हन होल बाए जीजाजी, हमारा लेखाते कर धोड़ी गोल बाए जीजाजी
अन्हरे का बड़ो जीजा देखेलो न बोड़ी, दोसर जीजा रोहिती तो खेली ते कोबड़ी
सब लोग बता कि होली खेलो लागे नाही आछा, सालियो भी बारू तुहुं बाछा
पात् पुझा अरे बो रोता जाबानी जैसे बोल बाए जीजाजी, हमारा लेखाते कर धोड़ी गोल बाए जीजाजी
हमारा लेखाते कर धोड़ी गोल बाए जीजाजी
जिजा मन दोस बुलो कोईसन विचारवा
दाले खाते आसिक अमित तोही यारवा
किसाली जोगो तुही बारू रेपी
ऐसे को इसे छोड़ेती है इसा केदी
ऐरे चोक दोना ताल थंबला ठोलबा ए जिजा जी
हमारा लेखाके कोरधोडी गोलबा ए जिजा जी
पुरा न मानो होली है
पुरा न मानो होली है
प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र
Đang Cập Nhật
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