धीरे धीरे बलम जी हिलावा
जनी देही के जुर्ये जमावा
धीरे धीरे बलम जी हिलावा
जनी देही के जुर्ये जमावा
करे
चरचर हो लागे बड़े जर हो
हरान कसी के पांजा
घर भर बाजा गल हूँ
बना जनी पाँजल हूँ
जनी करा पटका पटकी हूँ
धीरे धीरे बोला ना तबिगड जाई माजा
जब सब जान जाई हो
भोरे भोरे पुछाई हो
बोला कवन मुह देखाई बो
लोग हासी
ताना कासी खूली जब दर्वाजा पलाँगीया बज़ताई राजा