एक रागनी अजीश सिंह राजबाला के इतिहास से
मोगा उस समय का है जिस समय
अजीश सिंह नोगरी करने के लिए चल देते हैं
राजबाला राजबाला उसे जित करती है कि मैं भी आपके साथ चलूँगे
लेकिन अजीश सिंह मना करते है राजबाला जित पर लड़ती है
तो इस रागनी को लेकर आ रहे हैं
रणवीर दोसरसिया पलवल से और कुमारी पिंका चोधरी अलीगट से
आईए राजबाला
वक्त पडे में चत्री जाई पाँचे नहीं हट्या करती
तीरजदार सबर करबाला जिदना नार करा करती
वक्त पडे में चत्री जाई पाँचे नहीं हट्या करती
और देखिए भाईयों ये बड़े भाई संचु मोहन नगर परवल से इस रागनी पर खुसो कर
यारे सो रोपे देते हैं भाई का बार-बार धन्यवाद तहदिल शुक्रिया करते हैं
नई नबी अली दुलन बिहा के अभी-अभी आई से
चत्री से मन जनम लिया चत्री गेलिया ब्याही से
चत्री गेलिया ब्याही से
तेरे जाने तेरे
गोरी देंगे
तेरे जाने तेरे
गोरी देंगे
ताने लोगि लोगाई से
लाज-सरम की बात नहीं मारे
सर पे करड़ाई से
बड़े घरा की राज-सुत्ताना
बड़े घरा की
बड़े घरा की राज-सुत्ताना
राज सुताना ऐसी बात करा करती
पत्विरता नारी विपता में पिया संग मर्या करती
पिया संग मर्या करती
और हमारे बड़े भाई अमर करोली से इस रागनी पर खुसो कर
इक्यामन सुरुपे देते हैं भाई का तेहदिल सुक्रिया करते हैं
भाई के ये जोरदार तालिया
कोयल बरकी
बोली सरी कोयल बरकी
बोली से तू कैसे बात करेगी
मारूं धाड पिया सामी दुस मन की निगाड टेगी
जंगल गोरी अंधेरे में तू
जंगल गोरी
अन्धेरे में तू डर डर रोजे मरेगी
धरकंदे पिस्तॉल पिया तेरी व्याही काम करेगी
व्याही काम करेगी
मर्द के होते इस दुनिया में
रे मर्द के होते इस दुनिया में ना त्रिया काम करा करती
चोटे में पिया जी घर में बैठे नहीं सरा करती
बैठे नहीं सरा करती
ओर हाFLक पुर से सोधरी केसट सेंटर मीजगल ग्रुप
इस राइनी बर खुसोकर
मेरी गेला चालन मैं तने
मेरी गेला चालन मैं तने
कस्ट उठाने पड़ जाओंगे
तंग कमाऊंगी पिया तो
दिन दिन कस्ट भाग जाँगे
उक प्यास मैं गोई तेरे
प्रान पख्य रूड जाँगे
मारे दुखडे ने सुन कै यम
राजवी लेन नाट जाँगे
यम राजवी लेन नाट जाँगे
पाप चड़ा वेरी बाला क्यों पाप चड़ा वेरी बाला मारे कर में वीर रहा करती
दुख में साजी होने तैना कते वीर मरा करती
दुख में साजी होने तैना कते वीर मरा करती
तेरी जैसी सुगड नारते जादा नहीं कहा करते
खोटे वक्क पड़े में पिया दोनों संग रहा करते
दोनों संग रहा करते
मेरा कहा ले नार आज दुख
तू जद पे नहीं अडा करते
चालूंगी तेरे संग पिया में
जादा नहीं मना करते
हीरा लाल कहा सुगड नारना
पत को टंग करा करती
पत्विरता नारी पिरियंका पिया संग मरा करती
तीरज़दार सबर करबाला जदना नार करा करती
वक्त पड़े मैं छत्री जाई बाचे नहीं हटा करती
बाचे नहीं हटा करती