भोले नात का मैं दीवाना मैं शंकर का साथी गोट गोट के पिये धतूरा रूद्र रूप कैलाशी
शिव शंकर तेरी भाँग कहा जहां तीन लोग त्री पाठी गोट गोट के पिये धतूरा रूद्र रूप कैलाशी
डम डम की आवाज से धर्ती भोले नाथ क्यूं कापती धर्ती आसमान और सागर सितारे एक कदम में नापती धर्ती
धीद का मैं अभिलाशी गोट गोट के पिये धतूरा रूद्र रूप कैलाशी
गनगोरा गनेश जी बोलो हम हाजर आदेश जी बोलो भूत प्रेत पिशाच भी आगए रूठे क्यों माहेश जी बोलो
गनगोरा गनेश जी बोलो हम हाजर आदेश जी बोलो भूत प्रेत पिशाच भी आगए रूठे क्यों माहेश जी बोलो बोल बोल करमाती
गोट गोट के पिये धतूरा रूद्र रूप कैलाशी
रम्मी वा शिवरात है बोले राहुल वा करमात है बोले भक्त जनों का मन नाचन को शिवतांडव ही नाच है बोले
गोट के पिये धतूरा रूद्र रूप कैलाशी
गोट गोट के पिये धतूरा रूप कैलाशी
घोट घोट के पिये धदूरा रूद्र रूप कैलाशी
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