जैमाधारी जैमाधारी जैमा महरानी
जैमाधारी जैमाधारी जैमाधारी कल्यानी
जैमाधारी जैमाधारी कल्यानी
जैजे हो तिरी जे हो धारीमा
जैजे हो तिरी जे हो धारीमा
शारिदमा कोशीश नवाऊ
श्रीगडपति को मन में ध्याऊ
गुरुजनन को वन्दन गाऊ
दो आशीश में कलम चलाऊ
हात जोड मैं करूवन्दना
मांग के सब से छमा प्रात्ना दो वरदान शरण मैं पाऊं
करना दया भटक ना जाऊ
लाजी रखो सुखदेव की माता
जोड रहा चरणन से नाता धारीमाता की महिमा गाऊ उत्रखंड दर्शन करवाऊ
कैसे आई धारीमाता
कैसे कहलाई सुखदाता
अलकनन्दमे कैसे बना मा धारी का अस्थाल
जै
जै हो
तिरी जै हो धारीमा
अतिकल्याणी धारीमाता अतिरोद्राणी धारीमाता
उत्रखंड की महराणी है बड़ी दयालो कल्याणी है
जालो धाम की संगरकशक है
बत्तो की अपनी अंगरकशक है जागरत माता कहलाती है
मासुखदाता कहलाती है
अपनी दाम निराला कल्यासोड में दाम निराला धरिशन पाए
किसमत वाला अलकनन्द की पावन धारा अतिसुन्दर मन भावन धारा
माकी चरण पखारे प्रति दिन बहती माके दौरे प्रति दिन
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी मा
धरती दीन रोप धारी मा धरती रात सुन्दर कन्या दिखती रात
सुन्दर कन्या दिखती नगे दुपहरी तरुणी माता नगे दुपहरी
तरुणी माता संध्या व्यत्य सुधर्नी माता संध्या व्यत्य सुधर्नी
माता बसी जहां है धारी माता बसी जहां है धारी माता स
ध्रिश्यवहाकाति मनभावन सुन्दर सुन्दर
लोकलोभावन चर्णों में बहती धारा निर्मल
बहती है जल धारा निर्मल देवप्रयाग की पावन माते
स्वर्ग से सुन्दर लगती जहांकी यहां विराजे धारी माता
सब देवों से न्यारी माता वेदों में है लिखा हुआ माधारी काव्यक्यावान
तिरी जैहो
जैजेहो तिरी जैहो धारी माता
तिरी जैहो जैजेहो तिरी जैहो धारी माता
यहां पे आई धारी कथा लग है सब से न्यारी अलक नंदा में बाड़ती आई
धारी बहती धार में आई लहरों के ऊपर करती सवारी
यहां पे आई माता धारी माता शीश यही पर आया
शीश वो शक्ति पीठ कहाया धडविहीन सिर कहां से आया
किसने धड़ से सिर कटवाया
आज तुम्हें बतलाती हूं मैं
सत्य कथा समझाती हूं मैं
साथ भाई थे धारी माके
सारे जगत से न्यारी माके
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी मा
सात भाई में एक बहन थी सात भाई में एक बहन थी
लेकिन बहन ना उनके मन की लेकिन बहन ना उनके मन की
भाई थे गोरे काली बहन थी भाई थे गोरे काली बहन थी
भाईयों की ना बहन से बनती भाईयों की ना बहन से बनती
भाई ना करते प्यार बहन से रखते मन में
खार बहन से फिर तक्दीर ने रंग दिखाया
किसमत में ऐसा दिन आया गम के बादल घिरने लगे थे
भाई उनके मरन लगे थे
धीरे धीरे एक एक कर भाई पाच गए थे मर
अब दो बच्चे रह गए भाई
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी माँ
बहन से बोले दोनों भाई
बन के मोत कहां से आई
पाच पाच भाई तू खा गई
बन के मोत कहां से आगई
बहन से सकती और बिलक्खती चुपके चुपके आए भरती दोनों रखती जलन बहन से
नफरत करने लगे बहन से दोनों भाई मन में सोचे
कैसे बहन से पीछा छूटे
अगर ये जिन्दा रह जाएगी
अपने कुल को खा जाएगी क्यों ना इसका गला काट कर
बहती नदी में आए बहा कर दोनों भाई अपनी बहन की लेने चले है जाँ
जै हो जै जै हो तिरी जै हो
धारी माँ
करके फैसला दोनों भाई दोनों भाई बने
कसाई छोटी बहन के बाल पकड़ कर
आए घर से निकाल पकड़ कर
छोटी बहन रही चिलाती
गले पे उसके चली दराती
भाई बन गए बहन के दुश्मन
अपनी बहन की काट दी गर्दन
धड से अलग हो गई
गर्दन छीन चुके थे बहन का जीवन
भाई के हाथों बहन कट गई दो भागों में बहन बट गई
बहती बहन की लाश उठा कर बहती नदी में आए बहा कर
गला काट के अपनी बहन का फेक गए शैता
तिरी जैहो जैजैहो तिरी जैहो धारी माँ
तिरी जैहो जैजैहो तिरी जैहो
धारी माँ
मैं तहुआ सिर्टेज़ धार पर
मैं तहुआ सिर्टेज़ धार पर
मुझे निकालो तेज़ धार से मुझे बचालो
एक
बालक सनान कर रहा मां गंगा का ध्यान कर रहा
उसको पड़ी आवाज सुनाई जट से उसने नजर घुमाई
बच्ची एक बहती हुई आए
जोर जोर से शोर मचाए
लड़का सोचे कैसे जाओ
कैसे उस
बच्ची को बचाओ
बड़ी तेज़ है धार नदी की नहीं बचेंगे प्राँ
देखना तो जल की गहराई
जहां जहां तो पाव धरेगा बाहा बूंद भी जल न रहेगा
जल की धारा थम जाएगी
सुन्दर सीड़ी बन जाएगी
मुझे निकाल के ले चल बाहर
शीश मेरा तो थाम ले आकर
लड़का डूबा है राणी में
चट से कूद पड़ा पानी में
शीश निकाल के बाहर लाया
सहमा सहमा कुछ घबराया
सिर बच्ची का डोल रहा था
साफ साफ वो बोल रहा था
कटा हुआ है सुरी लेकिन फिर भी इसमें जा
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी मा
आती है आवाजी फिर से बाग रहा है क्यों तू डर से मुझको किसी शिला के ऊपर
बेटा तू
इस्थापित देकर
महाशक्ति देवी कहलाऊं
यही शिला पे मैं बस जाओं उत्रखंड के रक्षा करूंगे
सबके प्राण सुरक्षा करूंगे
पास में पड़ता गाव थधारी
मा का नाम पड़ गया थधारी
तब से मा धारी कहलाई
धारी मा प्यारी कहलाई
मा लगाके बैठी आसन चला रही अपना नुशासन
धरिशन करने वालों पे मा लुटा रही वर्दाव
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी मा
उतनी ही जलती
चिंगारी चिंगारी है जौला धारी देख चुकी है दुनिया सारी
दो हजार तेरा की बात है अभी तलक ये सबको याद है
जब आदेश हुआ सरकारी मंदर हटेगा यहां सिधारी
ज्यानी जनों ने था समझाया लेकिन किसी को समझ ना आया
कहां की मंदर नहीं हटाना बरना पड़े बहुत पच्छताना
भारी पड़ जाएगा हटाना धारी का साथ तिरी जैहो जैजैहो तिरी जैहो धारी मां
विद्धुत टीम नेक नमानी
मूर्टी हटाने की थी ठानी
मूर्टी हटादी धारी मां की
प्यारी प्यारी न्यारी मां की
भोध में आगई धारी माता अब तक जो थी प्यारी माता
नेत्रलाल विकराल हो गए चिंगारे ततकाल हो गए
लगी कापने चारो दिशाएं उल्टी चलने लगी हवाएं धारी माता लगे भयंकर
लगने लगी थिमा प्रले अंकर लग रह परले आजाएगी
सबको जिन्द चबा जाएगी जुला उगल रही मा धारी लग रही कान समाद
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी मा
जै जै हो तिरी जै हो
धारी मा
हसी उडाते वे दुत करमी हसी उडाते वे दुत करमी
ओड़ चुके थे वो बेशरमी ओड़ चुके थे वो बेशरमी
उनको खबर नही थी पलकी
खड़े थी मौत बिना हल चलकी
रोद रूप मा धारी नधारा
रोद रूप मा धारी नधारा
रोद रूप मा धारी नधारा
पट बादल के दार नाथ में
मची हल चलके दार नाथ में
ऊपर से बहि जल की धारा
कि दार नाथ थर राया सारा
बिजली तोटी आसमान से
लाखो प्राणी गई जान से प्रले आ गई थी
पल भर में
मोत ही मोत चा गई पल में चीख पकार मच गई भारी लगने लगा शमशा
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी माँ
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी माँ
सब बहगई पल में बने घराण भे ठेगई पल में
गंगाति विकराल हो गई बहती धारा काल हो गई
दिन के के जैसे बहे जिन्दगी त्राही त्राही बस कहे
जिन्दगी चारु तरफ था पानी
पानी बहते जा रहे थे सैलानी
कोई किसी के काम ना आए अपनी जान बचाना पाए
बिखर गए परिवार हजारों बिछड़ गए परिवार हजारों
जारों बहे हजारों मलवे में दब गए हजारों
मौत मचा रही तांडव अपना बन करके तुफान
तेरी जै हो जै जै हो तेरी जै हो धारी मां
तेरी जै हो जै जै हो तेरी जै हो धारी मां
दारी माता बन गई जौला क्रोध नहीं था थमनेवाला
क्रोध नहीं था थमनेवाला गंगा माता प्रले मचाती तांडव का मंजर दिखलाती
प्रले वेग में बहगे सारे हर कोई मोत से था घबराया
मोत का था मंड़ाराता
साया दहशत में उत्रा खंडवासी
देख प्रले वानी जल राशी पानी ऐसा प्रले मचाए
बचके कोई भाग नपाए
बच्चे बुढे और जवान
सारे गवा रहे थे जान धारी मा से बोल रहे सब बचालो सब के प्राण
होई
त्रासदी सबने देखी उत्रा खंडकी जगने देखी
बिल्पित कर्मी सब सरकारी समझ चुके थे बात वो सारी
शीश उठा कर धारी मा का नाम सुमिर फिर धारी मा का
हाती जोडते शमा मांगते बार बार सब शमा मांगते
जहां ससिर था मा का उठाया
वही पे
स्थापित करवाया
मंदिर बना दे आधारी का धर्चा सारा
सरकारी था भव्या और मनभावन मंदिर लगता बड़ा सुहावन मंदिर
बना दे आँ मंदिर अति प्यारा फिर से उसे अस्थार
तिरी जै हो जै जै हो तिरी जै हो धारी मा
बैठी जहां पे धारी माता करती पहरे धारी माता
धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी
माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी
माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता
करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती
धारी माता करती धारी माता करती
धारी माता करती धारी माता करती
धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती
धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती धारी माता करती
उसके घर कोई कमी नाए
दारी मा सुख देव को देना जीवन भर मुस्काद