बॉम्बे यहाँ भाई गिरी हर सबान पे
कौन बे बॉम्बे यहाँ उन्ने से पहला हाँ गिरना मंगता है
बॉम्बे समंदर की सिंदा दिली है शहर में
बॉम्बे यहाँ कटिंग चाई पे राजा फिल्डिंग लगता है
चले शाने तेरा नाम बता नाम छोड़ काम बता
तेरी बस्ती कौन सी मेरे लड़के खराब करें नंगाई साप
किसका ना डर इने किसका ना खौक सुन
कचले में घर यहाँ रस्ता नहीं है
सपने से चाओ ऐसा मसका नहीं है
खिलते कमल पे यह कीचड उच्छाले
जालिम बिमारी है शाली हकीकल
मैला मैं, मैला तू, तू ना मैं और मैं ना तू
हम खौजा के खास हैं, हम खौजा के पास हैं
ये धारावी का बच्चा भी मर्द है
और धारावी का सच्चा जिगर मैं
हम शिवा के दास हैं, हम शिवा के रास्ते
मेरा पिन कोट सत्रा रामपुरी एक साथ साथ कड़े रख के अड़केल बोले
पिन कोट सत्रा हक से आये बाप देल चले गर्दी मैं जून सरा
ये धारावी का बच्चा भी मर दया और धारावी का सिंदा जिगर देख
दिवाने गली से हुआया मैं मा कस्सम मैं किस से भी कम नहीं
मैं धारावी से मैननत बोल रहूं मैं धारावी की ताकत बोल रहूं
मैं धारावी से दौलत बोल रहूं मैं धारावी की हिम्मत बोल रहूं
हम घौजा के खास है हम घौजा के पास है
हम शिवा के दासा, हम शिवा के रास्ते
रफ्तार सोच मेरी सब एक मैं मुक्तलीफ
मेरी अवास, मेरी ताकत अवास, मेरी आदत अवास
मैं सचाई, अवास है मुकम्मल, अवास है मैस्सर
आजात परिंदा, मैं दिल्फे काशिक
सीधी बात कर, बाते बहुत है जो जान से साधा
वही मेरे साथ है नसीहत, तू सब की पर करता मैं मन की
कहते दरिंदा में, खाबों में, सिंदा करना में, अतरकी
आठवा जूबा, रिष्टों से दूर, कश्टी में डूबा
सब मिला महपट, बस कम आबाद मैं, शौक रख
नवाब से धीट मैं, हस्रत ये आगसी, जल
जॉला बनेगा तू चल, ये फलसफा याद रख
एक कटिंग चाय पे दिन मसका चलता है
मेरे टॉप फ्लोर पे जरा हलका मसला है
शायर वो शायद जो आगरी, मुझे मुझरे में गाने का शौक नहीं
कोई बड़ा वल में दू बीच का खड़ा, एक बिल्लस में गोटी उड़ा देंगे
अपनी रोए पिच्चर बना देंगे, तरको खुले मैं फूर सेट से मारेंगे
मेरा पिन कोट सत्रा, रामबुरी एक साथ साथ, रख के डकेल बोले
मेरा पिन कोट सत्रा, हक से आये बाबद नहीं चले गर्दी में जून जरा
ये धारावी का बच्चा भी मर दे, और धारावी का सिंदा जिगर दे
दिवाने गली से हुआया मैं मा कस्म किस से भी कम नहीं
मैं धारावी समयानत बोल रहा हूँ, मैं धारावी की ताकत बोल रहा हूँ
मैं धारावी की दौलत बोल रहा हूँ, मैं धारावी की हिम्मत बोल रहा हूँ
हम ख़ौजा के खास है, हम ख़ौजा के पास है
हम शिवा के दास है, हम शिवा के रास्ते
चेहरे पे कोई नकाब नहीं, और मा कस्म मैं वो खिताब
जो सब ने बढ़ाये फर मैं किसके हाव नहीं, चेहरे पे कोई नकाब नहीं
संगीदे सात, मैं ईद का शान, सुनेरे शबकों मैं स्याही गोल रहा हूँ
अक्षरों में कही नक्षे छोड़ रहा हूँ चेहरे पे कोई नकाब नहीं
अदान प्रदान तुम होश में चलो हम नकली के खाल निकालते
ये काला बज़ार तु चान संबाल हम जूए में चान उचालते
बॉम्बे यहाँ भाई गिरी हर सबान पे कौन बे
बॉम्बे यहाँ उड़ते पंची को गिनते नहीं सीधा ठोकते
हरावी सत्रा से सेंस ओकाद में