जदुआ परोरत रहे
ए गो बंगा लिन देख़नी
ले तिरा हे सुसिके दिटानी
ए दादा धानी न देख़नी
बागावा से लड़े
तरहे बगिया में बाधी ने देखानी
लेती रहे सुसी के बिटानी एदा दादा में ने देखानी
रही रही फुफु काराऊ छोड़त रहे देखी परती के धर्ती उकोड़त रहे
भादा माइनस में पाला सुझोड़ा तेरा है
आए आए आए ताया पने ही धुन में मोगान रहे हो ताके नीरा उठी धान परासान रहे हो
गहा
गादा ना चादर रहे बिजल खाली काली ने देखानी
लेबी राहे सुसी के बिजानी एदा ना धाली ने देखानी
लसा लेखाओ धोके चीपाकल रहे कुछ खूल रहे कुछ ढोकल रहे भागे पावे ना चंच रहो धोकाल रहे
सब्हे जानवाई ललके कहानी भाई तुराई जद के पानी पानी भाई
मुनुवा भी सेक के साँगे देखाती गराई
मिन देखानी सरवन के साँगे साँगे देखाती गराई
मिन देखानी लेती राहे सुत के बिटानी एदा ना धाली ने देखानी