गैलह बलम लोधिया नवा,
घोरे लोधा काका जनवा हो
गैलह बलम लोधिया नवा,
घोरे
लोधा काका जनवा हो
खली धरली गारिया तममिला बिगारे सुनि मोर बतिया
बन देवरावाह पपिया हो,
माँगो तखाए के अभिया हो
के तनाले कोही हम खीशाके,
आपन बटावाता हिसाके,
तोरा धान पे नजारे कर बडलबा,
इता हाँत दोके पीछे हमर पडलबा
लागल रोहे आगे पीछे कापोआ चरके,
किछे चारे मोर छतिया
बतियो बन देवरावाह पपिया हो,
माँगो तखाए के अभिया हो
कहिंके तनाले कोरे ससतियाके,
हमके दालेला राजा रतियाके,
मन कोरे दिन देवरे के गारी हो,
बिगोड गैली कुञ्ज बिहारी हो,
ताका कहिंगे