एक जणी की पति देव जब बाहरा रहता रहे हैं
उनकर देवर तबाह करता रहे हैं
तो कैसे कह लिया
कि पिया कब ले आई बोदिली रोजधानिया से
देवर खेल जाई खेला मुर जवानिया से
देवर खेल जाई खेला मुर जवानिया से
देवर खेल जाई खेला मुर जवानिया से
धीरे धीरे तूट जाई आवे के आसरा
तब तल देवरा हो सट जाई पाजरा
धीरे धीरे तूट जाई आवे के आसरा
रंग क़ईल जहाँ ताढे तहरा क़णिया से
रंग क़ैल जहाँ ताढे तहरा खॉनिया से
देवर कहल जाई खेला मुर जवानिया से
जाये पपी उतू बढ़काया भागा
हमरा के कहे खाती देत बाड़ो दागा
जाये पपी उतू बढ़काया भागा
हमरा के कहे खाती देत बाड़ो दागा
बुला चानी काट तड़ा सवतीनिया से
दिवरा खेल जाई खेला एह जवानिया से
पिया कबले बदले रजधानिया से
दिवरा खेल जाई खेला एह जवानिया से
दिवरा खेल जाई खेला मृ जवानिया से