पुछते ही सुबा अपने ही अक्षे से पूछू सवाल
मुझे बता और कितनी बार और कितने साल
आखिर मान क्यों नहीं जाता तु हार
पर चलता हूँ मैं सोचके जीत होगी मेरी
पर हारता हूँ फिर भी लोड़के
पर तूटा नहीं मैं पॉस्टेव
नेक्टिविटी को सो दूर मैंने किया जो भी किया सच्चे दिल से
बहुत कठिन था मेरा रास्ता बहुचा यहाँ पे गिरते फिसलते
मारा ना कोई भी शॉटकट मैंने फोलो किये सारे रूल
जाना था दूसरे छोर तक मौह माया का की अनलोग में
डैमि कौड रहा मैं सदा सत्य की तलाश
मैं डैमि कौड रहा मैं वसाधारम से लिफास
मैं डैमि कौड हूँ तेरी अंतरात्म की अवास
मैं डैमि कौड हूँ जैसे काट गया ना कोई बिलवास
अकेले ही चला था मैं अकेला ही आया हूँ यहाँ तक
यहाँ से मुट के जो देखू तो जहाँ तक मेरी नजर जाए वहाँ तक
मुझे कोई भी दिखाई न दे सार में मेरी बचाई ही है
आगे है कुआ और बीचे मेरे बस खाई ही है
आगे को जाना ही यही सच्चाई है आगे की सोचू मैं
अपने माते के पसीने को पोचू मैं
वैनत से किया जो करम बनाया जो धरम लिखा
जो बिशब गिता का शलो हूँ मैं
मेरी बातों का उचारन तो कर
अपने केश्टों का निवारन तो कर
रूद राक्ष चाहे धारण कर ये शिवदत में तूझ में घुदा जाएगा
उठके प्राता काल होता हूँ वोले की बखती में लीन
मैं आखे बंध करके योग नितरा में रहता हूँ पूरे बरमाण में लीन
और देखू मैं क्या है घटित क्या है सत्य और क्या है कधित रहू मैं मौन
मैं नेम निकौर रहा मैं सदर सत्य की तलाश मैं नेम निकौर रहा मैं वसा धारम से लिवास मैं निकौर
तू तेरी अंदर आत्मा की आवास में निकौर तू जैसे काटी आया पूरी बिलवास में हाँ
तू पे खुच आप गलिव का जमान है तेरा भी देखू बाब परता जला है
मुझी गुरु का शिशी कहला है जिरी जिरी जिरी जिरी सद्यूर से बजी करवाना है
सब कुछ छोड़ के अब रमाण पे करूँ रिसर्च मैं तेरा रैप लगे ये शोर अब फोकस है मेरा यूनिवर्स पे
करूँ ना किसी की बातों पे गौर देखे हैं मैंने ये लाखों करोड पैसा कमा के भी दिया है छोड
गुमु माथे पे लिखा के में गौर निष्टिन करता अभ्यास मैं तुम सब का सरवनाश
देरी गौड प्रहाँ ऐसा रसल दिल की तलास है नैधी गौड कहा मैं बस सारार और सेली फास मैं नेरी गौड
तेरी अंदर राज की अवास में एक रॉप
जैसे काले याया मुझी मिलवास में हाँ