आजो का बाते ये भोजी, काम कुल छोड़ले बाड़ादोरहों सिंगार को के काने, दूआ राया गोरले बड़ोहमार व्यार आब तड़े, हमार दिल दार आब तड़ेएही से सुझ के बैठल बनी, दिली से भातार आब तड़ेदूई साल से बोसल रहने सहर में राजा जीबोड़ी हम भुगले बानी, सेजी आपे सजा जीकिये हुँगा रे भाबुजी, दिन तभारो चानी रहेसुफल रहे जिहाराई, अब भर मुर्बानी रहेमल करार आब तड़े, लेके बहार आब तड़ेएही से सज़ के मुइ थलबनी, दिली से भाता रहा बहता रहेफोटो खाले देखोते बीदा, रहे दिन रातियाछोटी आप से सद के राजे, सुफल रहे ताकियालज़त कहे बाद, दूतने की कनियानियासज़त बड़े मुझी, पंकट प्रितम की रणियानियाएही साहर आब तड़े, हमार सरकार आब तड़ेएही से सज़त बड़े मुझी, दिली से भातार आब तड़े