दिवानिगी आई च्छाई है मुझे तुझसे ही ओ जाने जान
आ जाए, मेरी बाहों में तु,
तु मुझाबध, ओ जाने जान
दिवानिगी आई च्छाई है मुझे तुझसे ही
आज जाने मेरी बाहों में तु
तु मुहाबध, ओ जाने जान
न तेरा शह्जादा तूके न ये रिषिता अग कर ले ये बादा
सहली नजर में दिवाना हुआ
तेरी अदाओं का माजा हुआ
ख़बों में देखू बस तुझ़ को मैं
हर पल सोचू बस तुझ़ को मैं
आशकी ये च्छाई है मुझे पे तुझ़ से ही
आजा मेरी बाहों में तु दू
महबद ओ जाने जा तु मेरी शह्जादी तेरा
शह्जादा तूके न ये रिषिता अग कर ले ये बादा
पे कहें शह्रे लाखों मगर
करे न पाए मुझ बे यसर
जब से देखा तुझ़ को मगर
मझकों रही न कुछ भी कबर
देखे हैं तेहरे लाखों मगर कर ना पायें मुझे पे असर
जब से देखा तुझ को मगर
मुझे को रही ना कुछ भी ख़बर
आवरगी ये च्छाई हैं मुझे पे तुझ से ही
अज जाने जा आजया मेरी बाहों में तुझ दू महबत
ओ जाने जा तु मेरी
शहसादी ना तेरा शहसादा