बिच माझ धार में
जात बाड़ो छोड़के
दिलावा की रिसाजा
नाच के में तोड़के
बिच माझ धार में
जात बाड़ो छोड़के
दिलावा की रिसाजा
नाच के में तोड़के
याद पड़ी
तुहरी आई अके हम के सताई इति बनावा के जाने तु भुलाई
कब मिला हूँ सपनावों में आई हाँ
जान मिला हूँ सपनावों में आई हाँ
कौरा बहीँ तिजार आर जब तक जीतिया
रस वापी रहके हम ता घुट घुटके पिया
कौरा बहीँ तिजार आर जब तक जीतिया
जब तक जीया रासा वापी रहके हम ता घुट घुट के पीया
हम ता कई नी वापा कहे भाईलू खाफा
हम ता कई नी वापा कहे भाईलू खाफा
बस हमारा कितने बताई हाँ हो
आप मिला हूँ सपनावों में आई हाँ हो
जान मिला हूँ सपनावों में आई हाँ हो
तोरा बीना लागे सब सूने साने प्राड़ भी न होला जैसे दिहियां बे जाने
तोरा बीना लागे सब सूने साने प्राड़ भी न होला जैसे दिहियां बे जाने
रोके कोईं
रोके कहे संजीत सुन मनावा के मीत दीरित बरज की रिसना धरई है हो
कौब मिलहूं सपनवों में आई हाँ हो
कौब मिलहूं सपनवों में आई हाँ हो