दूर कहें इन खिलती लिलती वादियों में एक बेता है समंदर
उसके गिले गिले आसों में बैता जाओं रूपा चाल मैं तो हर पल
के फूर्च खिलते रात में मिलते आँखों में देखे बाते करते सांसी लेते होंट न सूखे सीने से तू लग
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
आँखों में देखे, बाते करते, सांसी लेते, होंट न सूखे, सीने से तू लग के
ये फूल चु खिलते, रात में मिलते, आँखों में देखे, बाते करते, सांसी लेते, होंट न सूखे, सीने से तू लग
मुझको कहते दिवाना, मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
के ये फूल चु खिलते, रात में मिलते, आँखों में देखे, बाते करते, सांसी लेते, होंट न सूखे, सीने से तू लग
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
मुझको कहते दिवाना
इसको कैटे दिवाना