सूर्ज नुहेसे
चंद्रवी नुहे
नुहेसे तारो का पंक्ति
पिपोटी सी
शेर्न ता सीखा
सिमीत तहार व्यापती
दिकी दिकी जडू थाये
स्रीमीत आलोके
परीमीत स्थड
आलोकी तक रू थाये
ताठारू दिप्त
बिजुली आलोको जडू अचीशी ना गरवे
तोठापी
दोडन्ती
माती दीपोटी कुछारवे
सूर्ज्यानुहे से
अथो बाबा सोरो गरे
जडू
थाये पोनी
सिखा तोड़ी धीरे
मंदीर अभ्यंतरे
निरवे जड़ोई
खियूद्र दीपोऽसे
केऊप्राप्तिर आशे
जड़ी जड़ी खाली
आलोको धालोई
आनो पाई अनायासे
आनो पाई अनायासे दूर्जणुहे से
खियूद्र घेले भी संसारे दीपो नित्यो आदोरो पाई
अलोको
वितर थाई अलोको वितर थाई
तुई
परे नाही अपनातनु कुतारो
सेथी पाई
पोरा
कोथारो ही अची
दीपो तल अंधारो
टी
एसी
चेर्ण ताः सीका सिमीत
तहारो ब्याप्ती