दर्वाजा खुला रखनादिल दर्द के शितत सेहूँग अश्ताओं सी पाराइस शहर में फिरता हैएक वहेशी हो आवाराशायर है के आशिक हैजोगी है के बंजारादर्वाजा खुला रखनासीनल से खटा उठेआऊखों से छड़ी बरसेथागुन का नहीं बादलजो चार खड़ी बरसेबर्खा है ये भादों कीबरसे तो बड़ी बरसेदर्वाजा खुला रखनाआऊखों में तो एक आलमआऊखों में तो दुनिया हैभोतों पे मगर मोहरेमूँ से नहीं कहता हैकिस चीज को खो बैठाक्या ढूट दे विकला हैदर्वाजा खुला रखनाशिक्वों को उठा रखनाआऊखों को बिछा रखनाएक शम्मदरी चेतीचौखट पे जला रखनामायोस न फिर जालेहाथा से वफ़ा रखनादर्वाजा खुला रखनादिल दर्द की शितत सेखुंग अश्टा हो सी पाराइस शहर में फिरता हैएक वहशी हो मावाराशायर है के आशिक हैजोगी है के बंजोरादर्वाजा खुला रखना