दरसे को तरस रही
जी जानें हमारे
तरसे को तरस रही जी जानें हमारे
रोजाना तिरी बात निहारू
कन से रंग में रंग डाले हो गई तेरे इदिवानी
क्यू नहीं आया रहे धरे गुला
तेरे दिन अब कुछ नहीं भावे बैठी हूं मन मारे दरसे को
तरस रहे जी जानें हमारे तरसे को तरस रहे जी जानें हमारे
धरस रहानी सोती सपने में भी कैसी कैसे
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