दर्श
अम्माँ
अम्माँ
बानी घुंपि हाली राजट काम से
बानी हालि राजट काम से
पाडखो पर असानत्तु सामसे
मेहर के मन की बात न बज़रा
जाने का तू कोहईला
मेहर के मन खे बात न बुजरा
बडजोर खोकता
कमरिया पुर पुर बथता
बडजोर खोकता
अब असाज
नही को रोता है
को बनो दबाई
अब असाज नही को रोता है
को बनो दबाई
जलम बाडा कोई लाओ
भाली हलाकोरे भोरे भोरे
दरदिया बड़ा जोर हो खता
एजि मौरद होई रोवा की होई कसाई
एआ तरस सुथिर देवदिये के
दोना सामगाई
होई जवानी तोहरे खाटिर
भिरनतन
को धैला
दरदिया बड़ा जोर हो खता