एक जानी अपना सखी ते बतावतारी अपनी राजा जी के बारे में
आगावना कराएके दूचार दिन गुजारके आ एक दिन घर से निगल गईले
न कौनो चिठी, न कौनो सनेश, न कौनो फोन, न बादचित कुछ नहीं के होता हमर जावानी जरता
ये सोखी का कौनी, और तिया कहो तिया कैसे
अरे लेके सूती रात भर तो कियावा, कि दोरद बुझे नहीं पियावा
बुझे नहीं पियाव दोरद बुझे नहीं पियवा
बुझे नहीं पियाव दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बुझे नहीं पियवा दोरद
बारेले जवानी जैसे दियावा हो
दोरद बुझे नहीं पियवा
बारेले जवानी जैसे दियावा हो
जीयो जीयो अरे काई दिली भाईया काई कोहाईल बारे
बारे जवानी जैसे दियावा हो
तोहरों कौनों जबाब नहीं थे
एसखी आउरू सुनी हमर बात कहा दिया
हो गावाना कराई पिया चली गईने बाहरा
चली गईने बाहरा पिया चली गईने बाहरा
हमरे घ़र में एकठे ऐसन मनुस मिल गईल बाई
एगो हमार देवर बाई एकदम परसान कईल बाई
हमके घ़र में रहल दुशु आर बाई
बाबा रडियो के गाँट छोड़ा ता काई ए भाई
अरे शकी खुश मत कहा एसन दलीदर मिल गईल बाई मुझना
कि हम काको ही कैसे
गावना कराई पिया चली गईल बाईरा
चली गईल बाईरा पिया चली गईल बाईरा
लूटल चाहे देवरा जावनिया के लावरा
गावना कराई पिया चली गईल बाईरा
लूटल चाहे देवरा जावनिया के लावरा
बाणी परसानी में हम इहंवा
काको ही केटना लेतु कहिए सक्षी कैसे
बाणी परसानी में हम इहंवा
दौरत पूछे नहीं पीआवा
बारे हीरा चाचा
बारे पूछे बाबु मामा
बारे परसानी में हम इहंवा
दौरत पूछे नहीं पीआवा
ओरत या याउरू कहतिया
कहली तोहार पूनम जल्दी चलिया
जल्दी चलिया या राजा जल्दी चलिया
आवे के नहोखे जैसन बातिया बतावा
बातिया बतावा ये सन्या बातिया बतावा
कहली तोहार पूनम जल्दी चलिया
आवे के नहोखे जैसन बातिया बतावा
खेत में छिटाई तोपले पीआवा
ए राजा जी का कहीं कितना ले दूख कहीं
हाम केहूं के दोस नहीं देव यही कमलेश भाईया के दोस देव
जिह हमारा गुआई करोले बाड़े
आरे हम जल्दे होती यही सन मिली मुवाना
अरे तो गौवना ही नहीं आये लोग
ए गुलाब भाईया कहीं से
खेत में छिटाई तोपले पीआवा
दोरद भूझे नहीं पीआवा
खेत में छिटाई तोपले पीआवा
दोरद भूझे नहीं पीआवा
लेके सूती रात भर तो पीआवा
दोरद भूझे नहीं पीआवा
लेके सूती रात भर तो पीआवा
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