दूरे दूरे रो हो जीज़ाजे, देहिया के ओई सेना कीज़ाजेहाट नही कहले, खाले तरंगवा लोले, लोलेजुवला से देहिया हतो, हाट नही कहले,खाले तरंगवा लोले, लोलेअपने खित्र मठी में कुछ कर।हाट नही कहले, खाले तरंगवा लोले, लोलेबीदी लहना मैं जीज़र, कोई बवाल हो,हाँ हूँ तो हाँ जीज़र, दो सरंग के मडल हो,साली में हाँ कुछ होला, जीज़र के आभा,रॉंगे तो धोड़ी आपन, डाला जोनी बाभा,हाँ हाँ जीज़र, मान जाये लाओ,बीदी लहना मैं जीज़र, कोई बवाल हो,हाँ हूँ तो हाँ जीज़र, दो सरंग के मडल हो,साली में हाँ कुछ होला, जीज़र के आभा,रॉंगे तो धोड़ी आपन, डाला जोनी बाभा,हाँ हूँ तो हाँ जीज़र, मान जाये लाओ,गोरे गाल तो बाई बाव कर,जूवलास दिहियां, तो हट नहीं गॉले,नाले दरंग हवा, लोके लोगे,जूवलास दिहियां, तो हट नहीं गॉले,नाले दरंग हवा, लोके लोगे,रोबे तिवारी जीज़र, बनना बेदा रोबे,भीग जाई लहना चोले, लाग जाई सारा दे,सोचन बिकास रंग हैं, तो ही पारा पारी,कोड़ी हाँ चोनी साली, तू बारी आरी,देखी हम सब पुझे दाने, हट नहीं,रोबे तिवारी जीज़र, बनना बेदा रोबे,भीग जाई लहना चोले, लाग जाई सारा दे,सोचन बिकास रंग हैं, तो ही पारा पारी,कोड़ी हाँ चोनी साली, तू बारी आरी,ना मनम तोलो गिलका के रंग, हम के सात थईमन के,संच्च्यूल यां को यां, तो हर नहीं गोले,दाले दारंग ऎल लोई,स्न्यूल यां को यां, तो हर नहीं गोले,दाले दारंग इल लोई,अहर साल के तई है नियम रोहेला,