Musicदरद होता बड़ा जूर, गुशल कमर में कवन छूरE-M-IMusicदरद होता बड़ा जूर, गुशल कमर में कवन छूरअब हमसे न सहले सहाता होदिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता होMusicदाब धीरे धीरे दुखाता होभीतर भीतर बिश बिशाता जवानी, बीन मरद की लगता नहीं मानीबाते हमसे न लाजे कहाता होदिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता होMusicदाब धीरे धीरे दुखाता होफाटता न सरदे दरदे बढ़ हल जाता, नन्देलाले यज न तुहारा बुझातालहे लहे भीतरले सामाता होदिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता होदरदे होता बढ़ा जोर, भुसल कमर में कबन चोर, अब हमसे न सहले सहाता होदिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता हो