Music
दरद होता बड़ा जूर, गुशल कमर में कवन छूर
E-M-I
Music
दरद होता बड़ा जूर, गुशल कमर में कवन छूर
अब हमसे न सहले सहाता हो
दिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता हो
Music
दाब धीरे धीरे दुखाता हो
भीतर भीतर बिश बिशाता जवानी, बीन मरद की लगता नहीं मानी
बाते हमसे न लाजे कहाता हो
दिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता हो
Music
दाब धीरे धीरे दुखाता हो
फाटता न सरदे दरदे बढ़ हल जाता, नन्देलाले यज न तुहारा बुझाता
लहे लहे भीतरले सामाता हो
दिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता हो
दरदे होता बढ़ा जोर, भुसल कमर में कबन चोर, अब हमसे न सहले सहाता हो
दिवरु, देवरु, दाब धीरे धीरे दुखाता हो