ये पाच्च, ये बाँध,
कभी भी मिट न पाए ये इश्क तेरा,
बस मुझ पे जादू चाए,
नमी तेरे बदन की यूब बुलाए,
समाः ऐसा मुझ को बहकाता जाए,
कभी भी ना मैंने देखी नज़नी की ऐसी,
मन चाहें सिंदगी में कोई तेरे जैसी,
तेरे बदन पे लिप्टी मेरे सांसों की एडो,
हो जाए तूफ़ना को मेरा हो न कोई ओड,
छुने दे खुद को आज यूगी मैं तेरे इस बदन पे बरस पजाओ,
हो जाए सारे फासले दे छूद,
तुझी में मैं आज पना भी पाऊँ।
ये दिल,
ये दर्द मुझको समझ ना आए,
जिसम तेरा अपने तरफ बुलाए,
ये सासे तेरी धडखन मेरी चड़ाए,
ये असर तेरा यूँ पागलपन बढ़ाए,
कोभी भी ना मैंने देखी नस्व की याएसी,
मन चाहे सिंदगी में कोई तेरे जैसी,
तेरे बदन पे लिखी मेरे सासों की ये डोर,
हो जाए तूफ़ना तो तेरा हो ना कोई होर,
छुने दे खुद को आज यूँ की मैं,
तेरे इस बदन पे बरसता जाओ,
हो जाए सारे फासले दिजू,
तुझी में मैं आज पना भी पाओ,
छुने दे खुद को आज यूँ की मैं,
तेरे इस बदन पे बरसता जाओ,
हो जाए सारे फासले दिजू,
तुझी मैं मैं आज पना भी पाओ,