काई साखी?
आगाह साखी
अरे बड़ा बेचायन लगती काई बात बा?
काई बताई हो परिसानी तो हो
कैसन परिसानी बोला है साखी?
सुना पूछा तरू तो हम बतावा तरू
हाँ बतावा बतावा
आवा समझ में हम के
अबुना जी कोना हाल में
फ्यूम्मा देखे चाली गई ले राजा जबसे गाल में
ना सक्ही है ना दुख के बाद बाद
ताओ बोला
सुना
पतर बला मुझे
पातर कमारीया
एक कच्छान दूर नही हाटे नजारीया
न दूर नहीं
होटे नजरीया
राजा जब से गाल में
तोहसे कौनों नोक जोखना नहोगया?
नहीं सक्षी
तोझ कहे ऐसन कहिना हो?
प्यार तो यतना न करेला,
न कभो रिशी आलन न जगडा करेला
कहिना जानना न बहुत कलिहा?
ऐसनों बात ना सक्षी
सोना
बोला
आरे में खुले जब राती में नीदिया
आचके में खुले जब राती में नीदिया
लागे चोराई लिहले माथे कभी दिया
जैसे जिरई फजल बाजाल में,
चुम्मा देखे चौल गये राजा जब उसे गाल में
जुमा लेके चाल गए
राज़ा जप्छे गाल में