दर्वज्जा खुला छोड़े आईरात मुझ सय्याने अंडा मानेरात मुझ सय्याने अंडा मानेरात मुझ सय्याने अंडा मानेरात मुझ सय्याने अंडा मानेतीते मारे दर्वत्या कुछा जोड़ आईरतमुष सैया, सैया, सैया, रतमुष सैयाने पानी माँगामैं तुईमे धाकेली आई, तीते मारे मैं तुईमे धाकेली आईतीते मारे मैं तुईमे धाकेली आईतीते मारे दर्वत्या कुछा जोड़ आईलाई लाई लाई लाई लाई लाई लाई लाईशुहागल बनाया भरा मांग शेंदूर पिया की पियारी बनी दूल हिनियामाता पिता के नयन की दुलारी पराये की दौलत बनी भी रहिनियाकलपती है दलदल में फस करके नारीबना दूर अचारी शेंदूर का सिपाहीधन के लिए धरम यपना गवाकर जलाकर दुलहन को बना नीर भोहीइस शार्लाइन की भुमिका कविकलिखल आप लोगन के शामने पेस बाईबा बा बायहाँ यहाँ माशर यहाँबता दे या इलाहि ओ मदीना कैसी बस्ती हैबता दे या इलाहि ओ मदीना कैसी बस्ती हैबता दे या इलाहि ओ मदीना कैसी बस्ती हैतो पतादे या इलाही वो मदीना कैसी बस्ती हैमदीना कैसी बस्ती हैचहाहर रोजये मौला सदा रह मत बरस्ती हैचहाहर रोजये मौला सदा रह मत बरस्ती हैगाने कभा होगा मनोता खादिया मानो कलपती गंगा की धारामनोता खादिया मानो कलपती गंगा की धारातो मनोता खादिया मानो कलपती गंगा की धारातो मनोता खादिया मानो कलपती गंगा की धाराकलपती गंगा की धाराउजारा उजाराउजारा खोदीया मानो कलपती गंगा की धारापुर्चमन अपना चड़ाओ जब इसके कापारापुर्चमन अपना चड़ाओ जब इसके कापारापुर्चमन अपना चड़ाओ जब इसके कापाराप्रांत विहार में मुझा फरपूर जीला हैवही की घटना है पेपर से हमको मीला हैग्राम जेलो चक्र जाने माने तिसान रहेग्राम जेलो चक्र जाने माने तिसान रहेपुर्वज्यमित्तार साहुजी बलाधनवान रहेआप लोग कहानी से मिल लेंप्रांत विहार जिला मजफर पुर्ग्राम जैलोचाकेमाने जाने संपन्न किशान पुर्वशाओजीजिनकी विट्या एकलोती इन्रासंत मारीशादी के जो भजाती है बर खुशते है पौलन के केउनही की बेटी सुन्दर इन्रासंत कुमारी थीसुले पसंत पार कर गई दुलारी थीभार बेटी का जब बाबू के सरप याला हैस्यानी बिट्या घर में चिंता उर्समाला हैग्राम बल्वा हलाल बाबूजी को पाये हैग्राम बल्वा हलाल बाबूजी को पाये हैप्याह कर वेटी को डोली अंगर भिठाप्याह कर वेटी को डोली अंगर भिठायाकर देपी को डोली अंदर भी चाहेबा, लाइन होगा, लाइन बाईकी प्यारी, प्यारी, प्यारी बन गई प्यूतीवधा जबू पेम का डोरायानी लाल बाबू के साथ शादी कई ध्यालन विदा होकर के इंद्रासन जब ससुरार में पहुचल हैतो उहां का भावा मिलन की पहली रात में तमन्ना रह गया कोरामिलन की पहली रात में तमन्ना रह गया कोराकि प्यारी बल गई प्यूकी बधा जब प्रेम का डोरार डोरार रामाअरे प्रेम का डोरारमिलन की पहली रात में तमन्ना रह गया कोरामिलन की पहली रात में तमन्ना रह गया कोराजीवन में तिनही रात होले बाबूजीपहली रात जनामतिसरी राततीसरी रातदुशरी रतिया बीच के राथोले बड़ी मारमी के राथोले चवना के कहल जला सुहाग राथदुलहिन दुलहा सुहाग राथ मनावेलन लेकिन लाल बाबू शाहब सुहाग मनावे गईले इंग्रासवन के संगमे नकाम हवेलनइसे ही मालुम होता सावित होत बाकि न फुम्सक रहलन लेकिन देखे लाइन बदल गईल भीत के नमुना बा आप लोग सुनेंयहाँ मास्टर यहाँ अरे पियमोर कुवरा कनहईयापियमोर कुवरा कनहईया ए भागवावसुरिया बजाईके की मोरार हर कुवरा न हैं यां गोलाहालाइब बसुरियाबजाईके के � Frances Whereमें किन्नमुर्य के भाव श्रीरले घवालमें किन्नमुर्य के भाव श्रीरले घवालअरे धुमिल भैली पियरिया, नजरिया सरावि भैलियानजरिया सरावि भैलियापंजाब चले जाते हैं तो होता है क्याअरे गईला लाल बाबू पंजाब के सहरियाभरवा में झंखे ले चादकी चकोरियापंजाब चले गईलन उनहीं का पटिदार रहलननागेस्वर भाईल का किखासे लाल बाबू केनागेस्वर पटिदरवा अलागेंदरासन के पदमे देवरवाअरे देवरा के नीरिक्यर मन्मा अरे देवरा के नीरिक्यर गुझरियानजरिया धरापी भरवाअरे देवरा के नीरिक्यर गुझरिया वाईहां देखें इंदराशन जोनवालेखेंनागेश्वर की देकर की मोहित हो जात गया और नागेश्वर भी इंदरासन की ते खलस्त मोहित हो गयलआना जाना लगल लहल एकाद महिना की लगभग में एक दिन मिले बदे गयल तो भाईल काका भाईल तो या यहां तर्ज के नमुना बाईबाई रे यह संस्घर भवजाई रे ऐसा सुघर भवजाई रे देवो राकाई तरसेयस्या यस्या यस्याइंदरात का सरसे ऐसा शराली वरी म हाल मालाई वे लगल लहवाईआउ apps.euयरे चाभे लिरबडी मलाई रे देवरासन में भावजीएक दिन मिलने के लिए नागेस्वर जाता है और जब अंदर घुस्ता है महल में तो देखता है कि भावी चरपाई पर लिठी किताब पढ़ रही थीभावी चरपाई पर लिठी किताब पढ़ रही थीअरिस्य दुराक बनी के सिपाही रे देवरासन में भावजीबाह दोनो जमानी के रंग में भिल गईलं आल लगलने पने में गुलजार मस्ती मोज लिवेतरज बदल गईलपवालतरज बदल गईलआओजब चार महिना बितल हाँ चारो तरब घला मच गईल की नागेश्वर इंद्रासन पर दिमाना हो गईलजब नागेश्वर कमहतारी धनमंती सुनली नहीं हम अपने पति देवजी से कहत का बारील भा यहां गीत का नमुना बाईलजब नागेश्वर कमहतारी धनमंती से कहत का बारील भा यहां गीत का नमुना बाईलगुली के गोरिया पारा तीली तीला तू बहीगुली के गोरिया पारा तीली तीला तू बहीगवा कल गवा जहाँ सेअरे हाँ सेला जमानारी लगवाता ना मारेइंद्राषन पर नागे शर कर दिवाना लोगवाता ना मारेइंद्राषन पर नागे वर दिवाना लोगवाता ना मारेअपने पत्टि देव जी से कह ति बारीसुनले इस्वामी बेटवा नागे शर कर साधी का देने � बात गरबड हो जायीइंद्रासर पर दिवाना हो गईल बातालन ठीका ठीका दुलाइन सुनीअच्छा नात बात के हुआईलड़की सुघर मिली तेकर साधी काई देखेएहर मिले रामपूर केजोगेस्वर साव अपनी बिटिया फुलकुमारी के बर खुजत रहलनतब होईल कालड़की सुघर मिली तेकर साधी कालड़की सुझर मिली तेकर साधी कालड़की सुझर मिली तेकर साधी कालड़की सुझर मिली तेकर साधी कालड़की सुझर मिली तेकर साधी कालड़की सुझर मिली तेकर साधी कालड़की सुझर मिली तेकर साधी कासुखवाश पनवा भाईले तुखवाश मनवा याईलेअधाजल में आधाजल में आधाजल में पासाली में वरियाई भागावानासुनीशें्या कि दूई चार माहे बीतिल काहे के नजर्यार और बदल जाती बागाशोस्ती हैकि दूई चार माहे बीतिल काहे के नजर्यार और बदल जाती बागाअरे माहे बीतल अरे पिया के नजरियारी बदलल अमाहुर भाईले सासुर के नगरियाली भगवनसंया नीर मोही मोरा सोचती है कि संया नीर मोही मोरा इंदासन के बसमी भाईले आज्जंख पुल कुमारी बोनी बोतुमवरियाली भगवनकरे तूर गतिया पपिया एक दिन की बात पाई पकड करकी जो टवा और दाव करके सिने पर सलाह हो जाता हैऔर बोलता है कि भगेगी मेरे घर से की नहीं भगेगीकरे तूर गतिया पपिया अरे मारे लाठो कारवारे रतियाजरे लाग जरे लाग जरे लाग गवने कैचू दर्या ये भागावानाजरे लाग जरे लाग जरे लाग भागावानासजना मांगे प्राण्दान दलडल में फस्के गईयामांगे प्राण्दान दलडल में फस्के गईयाबना कशाई नागेश्वर दुलहन को रोज सताता हैमदहोस जमानी के रंग में यपना धर्म गवाता हैआनया बरू को धोकर प्रेमिका के रंग में घूल गयालानत है यसे मानोता को भूल गयाजो मानोता को खो दिया वह जीवन भर पचताता हैजो ठुकराता भर की लचमी वह नरकुंड में जाता हैइधर नागेश्वर अपनी दुलन को ससुराल भेज करके पंजाब चला जाता हैऔर इंद्राशन भी पंजाब पहुँच जाती वा कारण कि इंद्राशन के नागेश्वर की बिना आउस्टर रही ना जात रहलजब वहाँ पहुँच गयल दूनों एक रंग में भीनी गयलन और लाल बाबू मायूस होकर के लाचार होकर के घर चेलियनलेकिन दू साल वितला के बाद नागेश्वर इंद्राशन को ले करके जग घर आयल तो धर्वन्ती फटकारत व्या कोहलस क्या आला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के बाद नागेश्वर इंद्राशन को ले करके जग आयल तो धर्वन्ती फटकारत व्या कोहलस क्या आला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिलेलेकिन दू साल वितला के भाव से मिले