अरे गईलो बजारी, करेला खरीदारी
दोरे सुकुता नरानरा हो
ए राजान,
होई काली देलो
तु काहें हम्रा ताइन, से कहिला कम्परमाइन
नाचेक बल्ला
गर्मणा हो
ताफारा लामुल,
भरल बात
उठुकुध के गिला गिला
अड़ सहिना हो,
छोली लैला धिला धिला
शुरूपाद पर परवाद परवाद परवाद परवाद
भरल चाही, गिला लिहला धिला फिला
अड़ सहिना हो,
छोली लैला धिला धिला
बात होना बुझवना हाला का हो,
काल को गिल सजपस काल का हो, ये राजाजी
नारा नारा भावसं के रोहं बाते,
ताफारा ना कुछो के ढोहं बाते,
धिला धिला,
सहिना हो,
छोली लैला धिला धिला,