सुन मुणिया, तू हमारे एगो काम कर देवी?
बोल ना, तोर खातीर तो मुर जान हाजीर बा.
हमसे अब ना रहल जात बा, संया तो पर्देश में जाके
खुब मोज उरावत हैं, और हमार तो जान जात बा.
उनके नाम से एगो चिठी लिग दे, दे,
तो के हमार किरिया, केहु जाने ना पाए.
साउना भीतल, भागुना भीतल, भीतल कितना माहीनवाँ,
सब के दिखा के तिन्वागी नौली, भैलानी के सगुनवाँ,
पिऊप्यू बोले जब कोई लिया, जुग जाला मोरी नजरिया,
लेत ना मोरी खबरिया.
बर्खा जैसन अश्वा बहीला, रोके से ना ही रुकेला,
जियारा हर दम धक धक करीला, रोके से ना ही रुकेला,
दिन भर तो हर रहिया जो हीला, धक जाला मोरी नजरिया,
लेत ना मोरी खबरिया.
राद भर याद में रोत रहीला, भिगेला मोरी से जैरिया,
तोरे बादे हम तरपत रहीला, जल बिन जैसे मा चैरिया,
तो हे बालमा हां मरगिरिया, छोड़ा तू आपन नोपरिया,
लेत ना मोरी खबरिया, चित्तिया लिगता तू मोर बालमा के,
लेत ना मोरी खबरिया, लेत ना मोरी खबरिया.