रॉबर्ड फ्रोस्ट की तरिया मेरे भी आगे थी दोराएक ओड उमर की जिम्मेदारी और एक ओड चूले पे वैठी मेरी माऔर मैं आदम जात चल दिया सेव खान खातरऔर पाछे कट गे सारे शैतूतएक जान खातरमैं चिरमठी भाजा करती मा के याँ चलतेमाते की जुंगी फुल बरोसा मा के कांजल पैरमैं माने कहती तू तो चोटी गूथ दे मेरीफूल बना दे गाठ मारेलाले रंगली संतरह गया बच्चपन भोडा कितरह गया बच्चपन भोडा कितढूंढो बच्चपन भोडा कितढूंढो रे ढूंढो रे ढूंढो रेरह गया बच्चपन भोडा कितरह गया बच्चपन भोडा कितढूंढो बच्चपन बोडा कित ढूंढो रहे ढूंढो रहे होयरी जवानीके तन ने पागया क्यों कर तू रोवे के तेरा खो गया तू इबके बढोरेके ताकी माठी पावे ना शैरा मैं सुन लेता मानस तू इबके टेटोरेहोती का पानी आख्या में डोड़े गमरे में बैठा क्यों बच्चपन खंगोड़ेशीशे में रह वै जो दुनिया में टोवे ना सुनता तू खुद की कदीमैं चिरमठी लखाती शकलें बादल में चत पे खटोली रात डुप की सीथे सागर मेंमैं हांडा करती खिल खिलाती तीतरी बनके पिंग चढ़ाती लांबे लांबे जोटे जीवें पेरह बच्चपन बोड़ा कित ढूंढो रे ढूंढो रे होयरी जवानीढूंढो रे ढूंढो रेजैबोले की सामन में ना बकते बालक बकती कागैला याड़ी पक्की जाटा डाबी बामण गैरा के पामन ने दर्दी मांच का रूमा थे पामन कैना तू पेग दी चाहिए कोनी दूसर में दामन कैनाओ शावन मेला ओ कावड गैला ओ याड़ी पक्की बामण गैला ओ पामन ने मां के पामन कैना चाहिए कोनी दामन कैनापाँच इसके तार शनदी तार और वाजर नी डंका पावड ना आया बच्चपन सुलगी सोड़े की लंकाओ रग बच्चपन बोला गितररह गया बच्चपन बोड़ा कितढूलो रे ढूलो रे ढूलो रेरह गया बच्चपन बोड़ा कितढूलो रे ढूलो रे ढूलो रेअपने जवानी बखत बैरी मुड़ता नामिलता ना बच्चपन हीमेरी मान न्यू क्या करतीसंगर्श कितना है ओ जीवन मेंसमझोत्ते ते पाशना पाड़ जे हैजीवन के दो कुंग पूरे हो लियेसो चीपे कोई बीट बिठाओसिद्धे पार जाओऔर इतने मैशनाई बोल्याछोरी शिवा शिनुली ब्यादो