Nhạc sĩ: Attaullah Khan Esakhelvi | Lời: Attaullah Khan Esakhelvi
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मजीद प्रतीनी हजार मासी की रूपी भिजा है
जब इन्सान भुष होता है तो गीत खुद बखुद जबापर आ जाते हैं
दिल मिल तरण आँखों में उमन और हाथों में वो सास होता है
जिसकी ध्यनकार इनसान की अपनी आवास बन जाते है
दिल मिल से मिल जाये तालिएं को मत्रोब मिल जाये आश्टक को
मिल्दोग मिल जाये तो खुद बखुद हाथ सास की तरण बढ़ते हैं
दिल मिल जूग होता है और चिम्ते की आवास रुखने नहीं पाती
जो जिन्दी छोवे प्याद किसी नल कर ले पाल कराई ती चिम्ता काँ वाजिदा
शौक नहीं शी कोई चोड़ी में पख्षियां दी तेरे सारे बदून बिछून
सर्दारी में अच्छावादी
जद वस जाए दिल छी प्याड़
प्याद किसी नल कर ले पाल कराई ती चिम्ता काँ वाजिदा
शौक नहीं शी कोई चोड़ी में पख्षियां दी तेरे सारे बदून
बिछून सर्दारी में अच्छावादी जद वस जाए दिल छी प्याड़
प्याद किसी नल कर ले प्याद किसी नल कर ले
जद वस जाए दिल
छी प्याद कर ले प्याद किसी नल कर ले
पोले चीची वीच चलना बेवी कली तुल भी खलना
इन प्यार दिन कर वे तु हो जाए खला
इन प्यार दिन कर वे तु हो जाए खला